30 days festival - ritual competition 16 -Nov-2022 (32)उत्तराखंड राज्य के प्रमुख त्यौहार
शीर्षक = उत्तराखंड राज्य के प्रमुख त्यौहार
उत्तराखंड, जिसे देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है। उत्तरखंड में पड़ने वाला रुद्रपुर हमारे घर से मात्र पंद्रह किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है, यहाँ बने सिदकुल ( एक ओद्योगिक क्षेत्र ) में अन्य राज्यों के निवासी इसमें काम करके अपनी अजीविका चलाते है
इसी के साथ साथ उत्तराखंड में पड़ने वाला नैनीताल जिला जिसे शायद आप सबने इस गाने में ज़रूर सुना होगा " केरल में गर्मी है, नैनीताल से सर्दी भेजो जो राहत पहुचाये कुछ ऐसा बेदर्दी भेजो " हमेशा से ही पर्यटकों का मुख्य आकर्षक रहा है, जिसे गरीबो का स्विट्ज़रलैंड कहा जाता है, सर्दी हो या गर्मी यहाँ पर्यटकों का जमावड़ा हर समय देखने को मिल जाता है।
हम भी अब तक कई बार नैनीताल की सेर कर आये है, हमारे यहाँ से मात्र 84 किलोमीटर है, ज़ब कभी भी प्रकर्ति को नजदीक से देखने का मन करता है तब सब लोगो की पहली पसंद नैनीताल ही होती है, उसके आगे भी बहुत खूबसूरत जगह है
आइये जानते है देवभूमि उत्तराखंड के बारे में, वहाँ रहने वाले लोगो के बारे में और उनके द्वारा मनाये जाने वाले त्यौहार के बारे में
उत्तराखंड को ‘देवभूमि’ या देवताओं की भूमि के रूप में जाना जाता है। यह एक बहुत ही प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है जहाँ भारत और दुनिया के सभी हिस्सों से लोग आध्यात्मिक और धार्मिक वातावरण में डुबकी लगाने आते हैं। उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जो विभिन्न जातीय समूहों, जनजातीय समुदायों और यहां तक कि अप्रवासियों के लोगों का घर है। यहां लोग कई भाषाओं जैसे कि हिंदी, भोटिया, गढ़वाली, कुमाउनी बोलते हैं, विभिन्न पारंपरिक कपड़े पहनते हैं और विभिन्न त्योहार को। उत्तराखंड में मेले और त्यौहार जीवन का एक तरीका है जिन्हें लोगो द्वारा बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। उत्तराखंड के प्रमुख त्यौहार और मेले इस राज्य की संस्कृति और परम्परायों को प्रदर्शित करने के साथ साथ पर्यटन में भी महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करते है और देश विदेश से भी बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करते है।
इस लेख में आगे हम उत्तराखंड के प्रसिद्ध त्यौहार का उल्लेख करेंगे
फूल देई उत्सव – Phool Dei Festival in Hindi
फूल देई उत्सव उत्तराखंड के प्रसिद्ध उत्सव और त्यौहार में से एक है इसे फसल उत्सव के रूप में भी जाना जाता है। यहाँ उत्सव चैत्र सीजन (मार्च-अप्रैल) में हिंदू कैलेंडर के अनुसार पहले दिन हिंदू आता है जिसे फसल और वसंत के मौसम के आने के जश्न के रूप में मनाया जाता है। यह वह समय है जब फूल खिलते हैं और इसके साथ सेमिनल पुडिंग होता है जिसे देई कहते हैं जो स्थानीय लोगों द्वारा गुड़ या गुड़, दही और आटे का उपयोग करके बनाया जाता है। यह व्यंजन त्योहार का एक अभिन्न हिस्सा है। युवा लड़कियां उत्तराखंड के इस प्रसिद्ध त्योहार का एक अभिन्न हिस्सा हैं जिस दौरान वे घर-घर जाकर ‘फूल देई’ के लोक गीत गाते हुए गुड़, चावल और नारियल का प्रसाद बाटते हैं।
गंगा दशहरा –
गंगा दशहरा या दशहरा उत्तराखंड राज्य का एक प्रसिद्ध त्योहार है जो ऊपर स्वर्ग से पवित्र नदी गंगा के आगमन का जश्न मनाता है। यह त्यौहार ज्येष्ठ माह के दशमी (दसवें दिन) और कलेंडर के अनुसार मई / जून के महीने में पड़ता है जिसे दस दिनों तक मनाया जाता है। इस त्योहार की रोनक हरिद्वार, ऋषिकेश और इलाहाबाद के गंगा के घाटों पर देखी जाती है, जहाँ भक्त लगातार दस दिनों तक अपने पापों से छुटकारा पाने के लिए गंगा नदी के पानी में डुबकी लगाते हैं। इस दौरान भव्य गंगा आरती भी की जाती है जिसमे देश के विभिन्न कोनो से श्रद्धालु और पर्यटक शामिल होते है।
मकर संक्रांति –
मकर संक्रांति भारत के कई राज्यों में मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध त्योहार है। उत्तराखंड के लोगों के लिए, यह त्योहार मौसम के बदलाव का प्रतीक है। हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, मकर संक्रांति उत्तरायणी के दिन को चिह्नित करती है, अर्थात, सूर्य ने ‘कर्क’ (कर्क) से ‘मकर’ (मकर) के राशि चक्र में प्रवेश किया है और इस तरह उत्तर की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है। इस दिन लोग सूर्योदय के समय सूर्य की पूजा करते हैं और नदी के पानी में स्नान करते हैं। स्थानीय लोग खिचड़ी और तिल के लड्डू तैयार करते हैं। उत्तराखंड के प्रसिद्ध मेले में से एक उत्तरायणी का लोकप्रिय मेला भी इसी दौरान लगता है।
बसंत पंचमी –
उत्तराखंड के प्रसिद्ध त्योहार में से एक बसंत पंचमी वह त्यौहार है जो बसंत या बसंत ऋतु के आने का जश्न मनाता है। यह उत्तराखंड में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो सर्दियों के अंत में माघ या जनवरी / फरवरी के महीने में मनाया जाता है। उत्सव के दौरान स्थानीय लोग पीले कपड़े पहनते हैं, चौंफुला और झूमेलिया नृत्य करते हुए उत्सव का जश्न मानते हैं। इनके साथ साथ ज्ञान और समृद्धि की देवी सरस्वती की पूजा भी की जाती हैं। इस उत्सव का और अन्य आकर्षण मीठे चावल है जिन्हें लगभग सभी घरो में बनाएं जाते है।
भिटौली और हरेला –
भिटौली और हरेला उत्तराखंड के लोकप्रिय त्यौहार में से एक है जिसे बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। हरेला एक ऐसा त्योहार है जो वर्षा ऋतु या मानसून की शुरुआत को दर्शाता है। कुमाऊं समुदाय से संबंधित लोग श्रावण के महीने में, यानी जुलाई-अगस्त के दौरान इस त्योहार को मनाते हैं। इस उत्सव में पांच अनाज बोए जाते है और हरेल के दिन काटे जाते है। पौराणिक रूप से, यह त्योहार भगवान शिव और पार्वती के विवाह को याद करता है। लोग महेश्वर, गणेश जैसी छोटी मूर्तियों या देवी देवताओं की मूर्ति बनाते हैं।
इस त्यौहार के बाद भिटौली त्यौहार आता है जो चैत्र के महीने में मनाया जाता है, अर्थात् मार्च – अप्रैल। इस त्योहार को भाई बहन के प्रेम के प्रतीक के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि इस दौरान, भाई अपनी बहनों के लिए उपहार भी प्रदान करते हैं।
इंटरनेशनल योगा फेस्टिवल –
इंटरनेशनल योगा फेस्टिवल उत्तराखंड के प्रसिद्ध उत्सवो में से एक है जिसे हर साल मार्च के महीने में ऋषिकेश में आयोजित किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव योग की शांत और कला का उत्सव है। आज की तेजी से भागती जीवन शैली के बीच इस योग उत्सव ने काफी लोकप्रियता हाशिल की है। अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का पहला संस्करण पूज्य श्री स्वामी वेद भारतजी के मार्गदर्शन में वर्ष 1999 में परमार्थ निकेतन आश्रम में आयोजित किया गया था, जिसके बाद से यह हर साल इस महोत्सव की मेजबानी करता आ रहा है। अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव को 7 दिनों तक मनाया जाता है प्रतिदिन योग क्लास,सात्विक भोजन, ‘भजन’ और ‘कीर्तन’ इस उत्सव के प्रमुख आकर्षण है।
घी संक्रांति –
घी संक्रांति उत्तराखंड राज्य का एक और प्रमुख कृषि त्यौहार जिसे ओलगिया उत्सव के रूप में भी जाना जाता है। बता दे इस त्यौहार अगस्त के महीने में भदोई के पहले दिन मनाया जाता है। यह मूल रूप से एक ऐसा त्योहार है जो खेती के व्यवसाय में स्थानीय लोगों और परिवारों की कृतज्ञता का प्रतीक है।
कांगडली महोत्सव –
कांगडली महोत्सव उत्तराखंड के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है जिसे पिथौरागढ़ जिले में हर 12 साल में एक बार रंग जनजाति द्वारा मनाया जाता है। यह उत्तराखंडी त्योहार फूल कंदली के फूल को दर्शाता है जो 12 वर्षों में केवल एक बार खिलता है। यह एक सप्ताह तक चलने वाला त्योहार है जिसमें घाटी के लोग जौ और हिरन से बनी भगवान शिव की मूर्ति की पूजा करते हैं और अपने दुश्मनों पर जीत के लिए प्रार्थना करते हैं। यह त्योहार सिख साम्राज्य के एक जनरल जोरावर सिंह की सेना की हार का जश्न भी मनाता है, जिन्होंने 1841 में इस क्षेत्र पर आक्रमण करने की कोशिश की थी।
बट सावित्री –
बट सावित्री उत्तराखंड का एक और प्रसिद्ध त्योहार है। इस दौरान विवाहित महिलाएं अपने पतियों के कल्याण और समृद्धि के लिए पूरे दिन का उपवास करती हैं और देवता सावित्री और एक बरगद के पेड़ की प्रार्थना करती हैं। इस त्योहार की उत्पत्ति का पता महाभारत से लगाया जा सकता है जिसमें सावित्री, जिसके पति सत्यवान की शादी के एक साल के भीतर मृत्यु हो गई, जिसके बाद वह उपवास और प्रार्थना करती है और उनके पति को यमराज के यहाँ से वापिस ले आई थी। जिसके बाद से यह उत्सव और उपवास महिलायों के लिए बेहद महत्वपूर्ण बन गया।
‘हिल जात्रा –
हिल जात्रा कुमाऊँ क्षेत्र के जिले में मनाया जाने वाला पारंपरिक त्योहार है। यह त्योहार मुख्य रूप से राज्य में कृषि से संबंधित लोगों द्वारा मनाया जाता है। देहाती और कृषिविदों के त्योहार के रूप में चिह्नित, ‘हिल जात्रा’ त्योहार भारत में पहली बार कुमाऊर गांव में मनाया गया था। यह समारोह ‘रोपाई’ (धान की रोपाई) से संबंधित है, जिसके लिए किसी को भैंस की बलि देनी होगी ताकि देवता प्रसन्न हों जो चल रहे खेती के मौसम के लिए अच्छी उपज सुनिश्चित करेंगे।
उम्मीद करता हूँ समस्त राज्यों और उनसे जुड़े तीज त्यौहार के बारे में पढ़ कर अच्छा लगा होगा, भारत में अलग अलग राज्य, और उनमे रहने वाले भिन्न भिन्न धर्मो और जातियों के लोग उसके बावज़ूद भी सब लोग बहुत ही हर्ष उल्लास और आज़ादी के साथ अपने तीज त्यौहार को आपसी सौहार्द के साथ मनाते है, शायद इसी लिए भारत को विविधता में एकता वाला देश कहा गया है
उत्तरप्रदेश राज्य का ज़िक्र इस लिए नही किया गया है, क्यूंकि यहाँ पर ज्यादा तर वही त्यौहार मनाये जाते है जिसके बारे में हम सब ही जानते है ईद, दिवाली, दशहरा, होली, रक्षाबंधन, इत्यादि जिनका जिक्र हम अपने पहले लेख में कर चुके है , उम्मीद करते है आप सब को पढ़ कर अच्छा लगा होगा,
आप सब का पढ़ने के लिए धन्यवाद एक बात कहना चाहूंगा अभी सिर्फ राज्य के त्यौहार ख़त्म हुए है अभी लिखना बाकी है तो जुड़े रहे मेरे साथ
30 days फेस्टिवल / रिचुअल कम्पटीशन हेतु
Alka jain
17-Nov-2022 05:07 PM
Nice
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Gunjan Kamal
17-Nov-2022 04:10 PM
बहुत ही सुन्दर
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